रतन टाटा ने भारत रत्न पर किया कहा
दिग्गज भारतीय व्यवसायी और टाटा ट्रस्ट के चेयरमैन रतन टाटा को भारत रत्न से सम्मानित करने के लिए ट्विटर पर बड़ी संख्या में ट्वीट किए जा रहे है। बता दे की रतन टाटा को 2000 में पद्म भूषण और 2008 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया जा चुका है ।लगातार लोगों की संख्या में वृद्धि हुई है। सोशल मीडिया यूजर्स शुक्रवार से ट्वीट कर रहे हैं कि भारत सरकार रतन टाटा को भारत रत्न से सम्मानित करे । इस पर रतन टाटा ने कहा है कि यह अभियान समाप्त हो जाना चाहिए और वह भारत की वृद्धि में योगदान करने के लिए खुश हैं।
रतन टाटा ने उनके लिए सर्वोच्च नागरिक सम्मान की मांग करते हुए सोशल मीडिया अभियान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "इसके बजाय, मैं खुद को भाग्यशाली मानता हूं कि मैं भारतीय हूं और भारत के विकास और समृद्धि के लिए प्रयास कर रहा हूं।"
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Ratan Tata |
एक अन्य ने लिखा, "SIR RATAN TATA को भारत के प्रधानमंत्री से BHATAT RATNA मिलना चाहिए।"
"मोटिवेशनल स्पीकर डॉ विवेक बिंद्रा के अपील के बाद हैशटैग #BatatRatnaForRatanTata ट्विटर पर ट्रेंड करने लगा, “रतन टाटा का मानना है कि आज की पीढ़ी के उद्यमी भारत को अगले स्तर पर ले जा सकते हैं। हम रतन टाटा के लिए देश के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार भारत रत्न से सम्मानित करने के लिए अभियान चला रहे है । हमारे अभियान #BharatRatnaForRatanTata में शामिल हों।
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रतन टाटा कौन है
रतन टाटा बहुत जाना माना नाम है । हम अक्सर उनके बारे सुनते रहते है ।यदि आपको नहीं पता कि रतन टाटा कौन है तो इस लेख के माध्यम से मैं आप को बताता हु ।रतन नवल टाटा का जन्म 28 दिसंबर 1937 को मुम्बई में हुआ था ।रतन टाटा ,टाटा समुह के वर्तमान अध्यक्ष है ।जो भारत की सबसे बड़ी व्यापारिक समूह है, जिसकी स्थापना जमशेदजी टाटा ने की और उनके परिवार की पीढियों ने इसका विस्तार किया और इसे दृढ़ बनाया।1971 रतन टाटा को राष्ट्रीय रेडियो और इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी लिमिटेड (नेल्को) का डायरेक्टर इनचार्ज नियुक्त किया गया।इस दौरान 1972 से 1975 तक, अंततः नेल्को ने अपनी बाज़ार में हिस्सेदारी 20% तक बढ़ा ली और अपना घाटा भी पूरा कर लिया।
वर्ष 1981 में, रतन टाटा इंडस्ट्रीज और समूह की अन्य होल्डिंग कंपनियों के अध्यक्ष बनाए गए, जहाँ वे समूह के कार्यनीतिक विचार समूह को रूपांतरित करने के लिए उत्तरदायी तथा उच्च प्रौद्योगिकी व्यापारों में नए उद्यमों के प्रवर्तक थे।
1991 में उन्होंने जेआरडी से ग्रुप चेयर मेन का कार्य भार संभाला. टाटा ने पुराने गार्डों को बहार निकाल दिया और युवा प्रबंधकों को जिम्मेदारियां दी गयीं।
रतन टाटा के मार्गदर्शन में, टाटा कंसलटेंसी सर्विसेस सार्वजनिक निगम बनी और टाटा मोटर्स न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध हुई। 1998 में टाटा मोटर्स ने उनके संकल्पित टाटा इंडिका को बाजार में उतारा.
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Frist indica |
रतन टाटा का विचार था कि कम कीमत पर 1,00,000 रु की लागत की कार बनायी जाए.
नई दिल्ली में ऑटो एक्सपो में 10 जनवरी, 2008 को इस कार का उदघाटन कर के उन्होंने अपने सपने को पूर्ण किया। टाटा नैनो के तीन मॉडलों की घोषणा की गई और रतन टाटा ने सिर्फ़ 1लाख रूपये की कीमत की कार बाजार को देने का वादा पूरा किया, साथ ही इस कीमत पर कार उपल्बध कराने के अपने वादे को पूरा किया ।
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टाटा समूह
टाटा समूह एक निजी व्यवसायिक समूह है जिसका मुख्यालय मुंबई में स्थित है। वर्तमान में इसके अध्यक्ष रतन टाटा हैं। टाटा समूह के चेयरमेन रतन टाटा ने 28 दिसम्बर 2012 को सायरस मिस्त्री को टाटा समूह का उत्तराधिकारी नियुक्त किया। रतन टाटा पिछले 50 सालों से टाटा समूह से जुड़े हैं वे 21 सालों तक टाटा समूह के अध्यक्ष रहे। रतन टाटा ने जे आर डी टाटा के बाद 1991 में कार्यभार संभाला। टाटा परिवार का एक सदस्य ही हमेशा टाटा समूह का अध्यक्ष रहा है। इसका कार्यक्षेत्र अनेक व्यवसायों व व्यवसाय से सम्बंधित सेवाओं के क्षेत्र में फैला हुआ है - जैसे: अभियांत्रिकी, सूचना प्रौद्योगिकी, संचार, वाहन, रासायनिक उद्योग, ऊर्जा, सॉफ्टवेयर, होटल, इस्पात एवं उपभोक्ता सामग्री।जिसके प्रमुख उदाहरण है टाटा कंसलटेंसी सर्विसेज ,टाटा मोटर्स ,आदि।
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Tata consultancy |
1910 में टाटा जलविद्युत शक्ति आपूर्ति कम्पनी (Tata Hydro-Electric Power Supply Company) की स्थापना हुई। 1917 में टाटा आयल मिल्स (Tata Oil Mill) की स्थापना के साथ ही समूह ने घरेलू वस्तुयों के क्षेत्र में कदम रखा और साबुन, कपडे धोने के साबुन, डिटर्जेंट्स (detergents), खाना पकाने के तेल आदि का निर्माण शुरू किया। 1932 में टाटा एयरलाइन्स (Tata Airlines) की शुरुआत हुई। टाटा केमिकल्स (Tata Chemicals) का आगमन 1939 में हुआ। टेल्को (TELCO), जिसे अब टाटा मोटर्स (TataMotors) के नाम से जाना जाता है, ने 1945 में रेल इंजनों और अन्य मशीनी उत्पादों का निर्माण शुरू किया। |
टिस्को (TISCO), जिसे अब टाटा स्टील (Tata steel) के नाम से जाना जाता है, की स्थापना 1907 में भारत के पहले लोहा व इस्पात कारखाने के तौर पर हुई थी। इसकी स्थापना जमशेदपुर में हुई थी जिसे लोग टाटा नगर भी पुकारते हैं। इस्पात (steel) व लोहे का असल उत्पादन 1912 में शुरू हुआ। यह दुनिया में सबसे किफायती दरों पर इस्पात का निर्माण करता है।
टाटा पावर भारत में निजी क्षेत्र की सबसे बड़ी कम्पनियों में से एक है। यह मुंबई एवं दिल्ली के कुछ हिस्सों को बिजली प्रदान करती है।
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